जन्म दिन मनाना ठीक लेकिन कैंडिल बूझाना, केक काटना महापाप : स्वामी जी
- मंगलवार को भंडारा के साथ सम्पन्न होगा 16वॉ स्मृति महोत्सव
- सुबह में अखंड हरिकीर्तन व भक्तमाल का सस्वर गायन के साथ मंगलगीत का हुआ कार्यक्रम
बक्सर : सदर प्रखंड के हनुमत धाम कमरपुर गांव में आयोजित 16वें सदुरुदेव पुण्य स्मृति महोत्सव का चौथा दिन कथा सुनाते हुए गंगापुत्र लक्ष्मी नारायण त्रिदण्डी स्वामी जी महाराज ने कहा कि तृतीय दिवस बिनु सतसंग विवेक न होई। राम कृपा बिनु सुलभ न सोई। भजन करते समय गुरुदेव के चरण का ध्यान करते रहना चाहिए। परमात्मा केवल और केवल संतों के लिए भारत भूमि में नर तन धारण कर आते हैं। श्रीराम का ही चरित्र अपनाकर दुनिया में शांति की स्थापना की जा सकती हैं।
श्रीराम मानव को आचरण धर्म और संस्कृति की सीख देने के लिए भारत भूमि पर आते हैं। महाभारत विश्व का सबसे बड़ा इतिहास ग्रंथ है।भगवान् के भरोसे होने पर सब कुछ प्राप्त हो जाता है। केवल दृढ़ विश्वास होना चाहिए। मनुष्य को छोड़कर कोई जीव धन ईक्कठा नहीं करते हैं। जन्म दिन मनाना ठीक है लेकिन कैंडिल बूझाना, केक काटना महापाप है। उसी का परिणाम है कि आज बच्चे माँ पिता को नहीं मानता है और दुख। देता है। सीरियल देखने के कारण घर का वातावरण बिगड़ रहा है। माता पिता के कुसंस्कार और गलत भाव के कारण ही आज बच्चे मनमानी कर रहे हैं।
कार्यक्रम श्री रामचरित्र दास 'महात्मा जी' के देख रहे में चल रही है। वही सुबह में अखंड हरिकीर्तन व भक्तमाल का सस्वर गायन किया गया।
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