बक्सर जिले में देश का पहला आधुनिक अनाज साइलो गोदाम बनकर तैयार,केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने किया उद्घाटन 50 हजार मिट्रिक टन है क्षमता,11 एकड़ में किया गया है निर्माण..
बक्सर जिले के इटाढी में बनकर तैयार देश के पहला आधुनिक साइलो गोदाम (अनाज भंडारण) का आज बक्सर के सांसद सह केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे द्वारा उद्घाटन किया गया।जिसमे बिना बोरे के 50 हजार मीट्रिक टन अनाज भंडारण की क्षमता है।जिसका निर्माण 11 एकड़ की भूमि पर किया गया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा की देश ही नहीं दुनिया का पहला चावल का साइलो गोदाम प्रयोग के रूप में यहां बनाया गया है।अगर सफल रहा तो तीसरे फेज में देश में साइलो साइलो देखने को मिलेगा। बताया गया की देश के प्रधान मंत्री के पहल पर केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के प्रयास से बन रहे यह गोदाम बिहार समेत देश के अन्य राज्यों का पेट भरेगा।
34 करोड़ की लागत से किया गया है निर्माण
बता दे की राज्य के शाहाबाद का यह क्षेत्र धान के कटोरा के रूप में विख्यात है। 11 एकड़ में बन रहा साइलो गोदाम की अनुमानित लागत जमीन को छोड़कर 34करोड़ की है। इसकी क्षमता चावल रखने की 12500 मिट्रिक टन है। जबकि 37500 मिट्रिक टन गेहूं रखने की क्षमता है। इस गोदाम को साइंटिफिक तरीके से बनाया गया है।गोदाम में रखा गया अनाज वर्षों बाद भी खराब नहीं होगा। बताया कि साइलो गोदाम बन जाने से इस क्षेत्र के किसान जो अपने उत्पादित अनाज को रखरखाव के अभाव से सस्ते दाम में बेचते थे इस को बन जाने से उस से निजात मिलेगा।क्यों यह गोदाम पीपीपी पर आधारित है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा
केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा की इस गोदाम से किसानो को बहुत लाभ मिलेगा। जो लगभग 12 हजार मीट्रिक टन का चावल का भंडारण इसमें किया जायेगा। हिंदुस्तान के पहला पायलेट प्रॉजेक्ट चावल का बना है। देश के प्रधान मंत्री के कृपा से बक्सर में पहला और कैमूर में दूसरा चावल का गोदाम खुलने जा रहा है। साइलो स्टोरेज एक बड़ा स्टील का ढांचा है। इसमें कई विशाल बेलनाकार टैंक हैं। जो नमी और तापमान से प्रभावित नहीं होते हैं। जिसके कारण इसमें अनाज लंबे समय तक भंडारित रहता है। इससे भंडारण और परिवहन के दौरान होने वाले अनाज के नुकसान में भी काफी कमी आती है। एक साथ इतनी क्षमता वाला भारत का पहला साइलो गोदाम होगा।

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