सिंडिगेट के समीप रिस्तेदार के घर किसी कार्यवस मिलने गए युवक की बाइक चोरी,थाना में जनकारी देने पर थाना का जबाब "ये सुनने को मिला की बाईक हमने चुराई है क्या" ?
बक्सर : शहर में बाईक चोरों का आतंक दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। एक आम आदमी अपनी गाढ़ी कमाई से कई वर्षो तक पैसे जुटा कर अपने परिवार और अपने सहयोग के लिए वाहन खरीदता है और शहर के सक्रिय बाईक चोरों का गैंग उसे चंद मिनटों के ही लेकर नौ दो ग्यारह हो जाते है और बेबस और लाचार वाहन स्वामी थाने पुलिस के चक्कर लगाता रह जाता है। वही पुलिस प्रशासन के द्वारा चालान और आम आदमी से चालान वसूलने के लिए वाहनों की कतार लगाने में चंद समय भी नही लगता है। पुलिस अपने सोशल मीडिया साइट्स पर प्रतिदिन वाहन जांच,बैंक जांच से लेकर वाहन जांच के फोटो अपलोड करती है पर आपकी जानकारी के लिए बता दे ये चीजे सोशल मीडिया तक ही सीमित है हकीकत से इसका कोसो वास्ता नहीं है। ऐसा हम इसलिए कह रहे है की नगर थाना क्षेत्र में लगातार वाहन जांच और गश्त के बाद भी वाहन चोरी धड़ल्ले से जारी है।पुलिस को सूचना देने पर पुलिस के वायरलेस कही खराब मिलेंगे तो कही के कैमरा।
आपको बता दे नगर थाना क्षेत्र के सिंडिगेट के समीप मुनीम चौक निवासी जैनेंद्र पांडेय अपने बाईक PAISSON प्रो जिसका नंबर बीआर 44 ई 2280 था उससे एक रिश्तेदार के पास किसी निजी कार्यवस गए थे पर कुछ देर बाद वो जब बाहर निकले तो उनकी बाईक गायब थी। काफी खोजबीन के बाद भी जब बाईक का पता नही चला तो आस पास के लगे सीसीटीवी कैमरा के सहारे देखने पर पता चला एक युवक आराम से बाईक में चाभी लगा कर गोलंबर की तरफ जा रहा है। इसकी सूचना नगर थाने से लेकर औद्योगिक थाने तक को दी गई। बावजूद कही से कोई आश्वासन नही मिला हा ये जरूर सुनने को मिला की बाईक हमने चुराई है क्या ?
मजे की बात ये है की जब पीड़ित ने आग्रह किया की वायरलेस से सूचना दे दिया जाए तब भी पुलिस अधिकारियों द्वारा बैटरी खत्म होने का हवाला देकर उसे टाल दिया गया। थक हार कर थाने में आवेदन देकर पीड़ित मायूस मन से घर लौट आया और अपनी एक गाढ़ी कमाई से खरीदी हुई संपति को खो बैठा।
खैर अभी खबर लिखे जाने तक न किसी पुलिस अधिकारी के द्वारा चोरी हुए बाईक के घटना स्थल तक जाने की जहमत उठाई गई न ही किसी तरह की जानकारी पीड़ित को दी गई। दिन दहाड़े शहर में चोरिया हो रही है। पुलिस पब्लिक पुलिस के मैत्री संबंधों की बात करती है ऐसे में कहा से पुलिस और पब्लिक के संबंध अच्छे बनेंगे।जिले के वरीय पदाधिकारी क्राइम कंट्रोल की बाते करते है परंतु शहर में कभी दिन दहाड़े लूट तो कभी बाईक चोरी जैसी घटनाएं आम हो गई है इसके बीच पिसता आम आदमी है। खैर जो भी हो बक्सर पुलिस के अधिकारियों को एक बेहतर सामंजस्य की जरूरत है जिससे की आम आदमी को एक भरोसा हो।
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