बक्सर में एनडीए प्रत्याशी के नामांकन कार्यक्रम में पहुंचे सम्राट चौधरी ने कहा लालू यादव को आरक्षण चुनाव के समय याद आता है लेकिन दिया किसी को नही,विजय सिन्हा भी बोले हमला..
बक्सर 33 लोक सभा क्षेत्र के लिए सातवें और आखिरी चरण लिए नॉमिनेशन का आज चौथा दिन है। आज एनडीए समर्थित प्रत्यासी मिथलेश तिवारी ने अपना नामांकन रामेश्वर नाथ मंदिर से पूजा-अर्चना के साथ रोड शो करते हुए किया। इसके बाद आईटीआई मैदान में एक सभा का आयोजन किया गया। जहां भाजपा के नेता विजय सिन्हा, उपमुख्य मंत्री सम्राट चौधरी और मंगल पाण्डेय के नामांकन सभा को संबोधित करने के लिए पहुंचे हुए थे।जहां पर पहुंचे बिहार के उपमुख्य मंत्री सम्राट चौधरी ने राजद पर जमकर निशाना साध है। कहा की लालू यादव का परिवार आएगा और कहेगा की आरक्षण खत्म हो गया,संविधान खतरे में है।लेकिन जब चुनाव खत्म हो जाता है तो लालू जी भुला जाते है की आरक्षण क्या होता है।1990 से लेकर 2005 तक लालू यादव और राबड़ी देवी मुख्यमंत्री रही लेकिन किसी आरक्षण नहीं दिया।
भाजपा जब आई आरक्षण देने का काम किया
आगे सभा को संबोधित करते हुए सम्राट चौधरी ने कहा कि कि जब-जब बिहार में भाजपा की सरकार आई 2005 में भाजपा की सरकार बनी थी जब अपने यहां से सूखदा पांडे को जीतकर भेजा था।शुशील मोदी और नीतीश कुमार के नेतृत्व में जब बिहार में सरकार बनी तो महिलाओं को बिहार में 50 %आरक्षण देने का काम हमालोगो ने की था।20 %अति पिछड़े को आरक्षण देने का काम किया।लालू प्रसाद केवल अपने परिवार के लिए आरक्षण खोजते है।
जंगल राज्य का दिलाया याद
सम्राट चौधरी ने कहा कि लालू प्रसाद यादव अपनी टूरिस्ट बेटी को छपरा के सीट से चुनाव लड़ाने का काम कर रहे है।जंगल राज का याद दिलाते हुए बोले की जब बिहार में जंगल राज कायम था तो यहां के लोग तो पलायन कर ही रहे थे।लालू प्रसाद यादव का परिवार भी बिहार छोड़कर भाग गया था।आज वो वापस बिहार आ रहे है।
विजय सिन्हा बोले बहाली के नाम पर भरमा रहे है
मिथलेश तिवारी के नामांकन कार्यक्रम में पहुंचे विजय सिन्हा ने राजद पर हमला बोलते हुए कहा की ये राजद के लोग बहाली के नाम पर जनता को भरम रहे हैं। कहा कि पांच विभाग में से किसी विभाग में एक भी न्युक्ति नही दिया।ये तो न्युक्ति के नाम पर जमीन लिखाने वाले है।आगे कहा की जिस शिक्षा विभाग के अंदर बहाली हुई है।उसमे न्युक्ति छठे चरण के बाद सातवे चरण में एनडीए थी साथ में ।सातवे चरण में जये पीछे के दरवाजे से ये घुंस गए।शिक्षा विभाग के न्युक्ति की फाइल पर तो इनके शिक्षा मंत्री का हस्ताक्षर भी नही है।
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