बक्सर जिले के दो मासूम को मिली ममता की छांव, 03 वर्ष 06 माह के बालिका को कर्नाटक के दम्पति एवं द्वितीय 04 माह की बालिका को पश्चिम बंगाल के दम्पति ने लिया गोद..
बक्सर जिले में बनाए गए विशिष्ट दतक ग्रहण संस्थान बक्सर में पालन कि जा रही दो बालिका को ममता की छांव मिली है। पहली बालिका लगभग 03 वर्ष 06 माह की है।जिसको कर्नाटक के दम्पति ने गोद लिया है।जबकि दूसरी बालिका 04 माह की है।जिसे पश्चिम बंगाल के दम्पति को दतक ग्रहण पूर्व पालक देख रेख (प्री-एडॉप्सन फोस्टर केयर) में दिया गया।दोनो दम्पती को गोद देने से पहले जिला प्रशासन द्वारा उसके जैविक माता-पिता की खोज करने हेतु समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशन करवाया गया था। परन्तु उसके माता-पिता का पता नहीं चल पाया। तत्पश्चात उसे महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार के एडॉप्शन की साइट पर पंजीकृत करवा दिया गया।
बालिका को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा जारी दत्तक ग्रहण विनियम 2022 के प्रावधानों के आलोक में समस्त प्रक्रिया पूर्ण कर दतक ग्रहण हेतु प्रदान किया गया।पश्चिम बंगाल के दंपति के द्वारा लगभग 03 वर्ष 06 माह पूर्व बच्चा गोद लेने हेतु पंजीकरण किया गया था एवं कर्नाटक के दंपति के द्वारा लगभग 04 वर्ष पूर्व गोद लेने हेतु पंजीकरण किया गया। दोनों दंपतियों द्वारा बालक को दतक ग्रहण में लेने हेतु सहमति दी गई। जिसके पश्चात दतक ग्रहण कमिटी की बैठक में दंपति के द्वारा समर्पित प्रमाण पत्रों एंव दतक ग्रहण हेतु उनके अभिरूचि की जाँच की गई और उन्हें दतक ग्रहण के लिए उपर्युक्त पाया गया।जिला पदाधिकारी द्वारा बच्चें को उपहार प्रदान किया गया।
सहायक निदेशक द्वारा केन्द्रीय दतक ग्रहण संसाधन
प्राधिकरण के द्वारा निवासी भारतीय भावी दतक माता-पिता के लिए राज्य और जोन वाइज दतक ग्रहण हेतु उपलब्ध बालकों और प्रतीक्षारत दंपति की विवरणी की उपलब्धता की नई व्यवस्था के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराई गई। नई व्यवस्था के अंदर भावी दतक माता-पिता अब सामान्य तौर पर पाँच बार प्राथमिकता विकल्पों को तथा लिंग, उम्र, एकल या भाई बहन तथा राज्य या जोन को तीन बार संशोधित कर सकेंगे। इससे पूर्व विशिष्ट दतक ग्रहण संस्थान बक्सर की तीन बालिकाओं को आंध्रप्रदेश, पश्चिम बंगाल एवं चडीगढ के भावी दंपति को पूर्व में गोद दिया गया है।
Comments
Post a Comment