प्रगतिशील लेखक संघ के तत्वावधान में कुमार नयन की तृतीय पुण्यतिथि पर कवि सम्मेलन का हुवा आयोजन
बक्सर : प्रगतिशील लेखक संघ जिला बक्सर के तत्वावधान में स्थानीय सरस्वती लायब्रेरी के सभागार में कुमार नयन की तृतीय पुण्यतिथि की पूर्वसंध्या के अवसर पर एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
सम्मेलन की अध्यक्षता चर्चित साहित्यधर्मी एडवोकेट रामेश्वर नाथ वर्मा ने की तथा संचालन रंगकर्मी सह अधिवक्ता सुरेश संगम ने किया।
प्रलेस बक्सर के अध्यक्ष डॉ बी एल प्रवीण ने सभी आगत अतिथियों का स्वागत किया तथा सर्वप्रथम स्व. कुमार नयन के तैल चित्र पर माल्यार्पण किया। प्रलेस से जुड़े इतिहास के प्राध्यापक डॉ दीपक राय ने बताया कि कुमार नयन विरोधी खेमे में भी उतने ही स्वीकार्य थे जितना अपनों के बीच। यही विशिष्टता उन्हें सबसे अलग करती थी। इसी बात की पुष्टि करते हुए श्रमजीवी पत्रकार संघ के अध्यक्ष डॉ शशांक शेखर उपाध्याय ने बताया कि कुमार नयन एक साथ साहित्यिक, राजनीतिक समाजसेवी के रूप में जाने जाते रहे। इनकी पहचान राष्ट्रीय स्तर पर रही है।
तत्पश्चात इन्होंने अपनी कविता भी प्रस्तुत की।
"अब लहू में मेरे वह रवानी नहीं
मेरी आंखों में पहले जैसा पानी नहीं"
कवि सम्मेलन में की लोगों ने अपनी कविताओं का पाठ किया जिन पर जमकर तालियां बजीं।
कवि सम्मेलन में मौजूद डॉ ओमप्रकाश केशरी पवननंदन,नर्वदेश्वर उपाध्याय पंडित,शिवबहादुर पाण्डेय प्रीतम,मो फारूकी,जौहर डुमरांवी,संजय सागर,डॉ मनीष कुमार 'शशि',प्रलेस के संरक्षक डॉ महेन्द्र प्रसाद,कोषाध्यक्ष व एडवोकेट ईश्वरचंद्र शर्मा,बशिष्ठ पांडेय, श्री भगवान पाण्डेय,अरुण मोहन भारवि,धानू लाल,वैदेही श्रीवास्तव,संजीव कुमार अग्रवाल,डॉ वी पी स्वामी, कन्हैया राय,इरफान,रामाधार सिंह,निर्मल कुमार सिंह,शिवाजी सिंह,गोविंद जायसवाल,कामेश्वर प्रसाद,अनुराग कुमार,कुमार प्रशांत आदि उपस्थित थे।


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