बक्सर लोकसभा सीट पर बिहार सरकार के पूर्वमंत्री ददन पहलवान और उनके पुत्र निर्भय यादव ने नॉमिनेशन कर बढ़ाया राजनीति का सियासी पारा,आनन्द को चुनौती देने उतरे एक और आनन्द...
बक्सर- 2024 के सातवें एवं अंतिम चरण में 1 जून को होने वाले मतदान से पहले, बक्सर लोकसभा सीट पर बिहार सरकार के पूर्व मंत्री दद्दन पहलवान उर्फ दद्दन यादव, और उनके पुत्र निर्भय यादव सेमत 22 निर्दलीय एवं पांच दलीय प्रत्याशियों ने नामांकन कर इस लोकसभा सीट का जातीय समीकरण बिगाड़ दिया है.जिससे भाजपा, राजद, बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशियो की नींद हराम हो गई है. जिस एम वाई समीकरण के बलबूते राजद प्रत्याशी सुधाकर सिंह, और ब्राह्मण समाज बहुल इस इलाके में भाजपा प्रत्याशी मिथलेश तिवारी दम्भ भर रहे थे, उस राजनीतिक तिलिस्म के किले को स्थानीय उम्मीदवारों ने तोड़ दिया है. आलम यह है. कि अल्पसंख्यक समाज से ताफीर हुसैन, रिजवान खान, महादलित समाज से आने वाले सूरज कुमार राम, यादव समाज से आने वाले ददन पहलवान और उनके पुत्र निर्भय यादव, राजपूत समाज से आने वाले सुधाकर सिंह, अजय कुमार सिंह ब्राह्मण समाज से आने वाले मिथलेश तिवारी , दो आनन्द मिश्रा सुनील दुबे, गोंड समाज से आने वाले रजिंद्र गोंड समेत कुल 27 प्रत्याशि मैदान में ताल ठोक रहे है.
पिता पुत्र के बीच होगा महामुकाबला
उत्तरायणी गंगा की तट पर बसा विश्वामित्र की यह नगरी बक्सर , अपने धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है, 1539 में हुए चौसा का युद्ध और 1764 में कतकौली के मैदान में हुए बक्सर का युद्ध का निशान आज भी मौजूद है. यंहा के कड कड़ में बसा स्वाभिमान लोगो की चेहरे पर साफ झलकता है. यही कारण है कि देश के सबसे बड़े प्रदेश के दर्जनों लोकसभा सीट पर बक्सर का परिणाम सीधा प्रभाव डालता है. जिसके कारण सभी पार्टी के नेताओ की निगाहें इस लोकसभा सीट पर टिकी हुई है.
मोदी और योगी करेंगे सभाएं
भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की माने तो इस लोकसभा सीट की महत्ता को देखते हुए, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 में को बक्सर में जनसभा करेंगे. जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बक्सर लोकसभा क्षेत्र में कुल तीन सभा करेंगे, इसके अलावा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री, असम का मुख्यमंत्री, समेत भाजपा शासित कई प्रदेश का मुख्यमंत्री इस लोक सभा सीट को जीतने के लिए पूरे दमखम के साथ चुनावी सभा करेंगे.,
10 मई को तेजस्वी यादव पहले ही ऐतिहासिक किला मैदान से राजद प्रत्याशी के पक्ष में सभा को सम्बोधित कर चुके है.
आनन्द ही बिगाड़ेंगे आनन्द का खेल
इधर असम का पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा के नामांकन के बाद एक और स्थानीय आनंद मिश्रा ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन कर आनंद मिश्रा को चुनौती दे रहे हैं.जिससे इस लोकसभा सीट का समीकरण पूरी तरह से बिगड़ गया है.राजनीतिक जानकारों की माने तो ददन पहलवान और उनके पुत्र ने इस लोकसभा सीट की सरगर्मी को बढ़ा दिया है.वही आनन्द ही आनन्द का खेल बिगाड़ते दिख रहे है.जिस मुस्लमान भोट पर राजद की निगाहें थी उसमें भी ददन पहलवान ने ओवैसी और हिना साहब का समर्थन लेकर सेंध लगा दिया है.बाकी भोट को स्थानीय मुस्लमान उम्मीदवार बिखेरकर सबका खेल बिगाड़ देंगे.
गौरतलब है कि 1 जून को इस लोकसभा सीट पर मतदान होगा जंहा 1941 मतदान केंद्रों पर 19 लाख 16 हजार 292 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.
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